गलत संगत का गलत नतीजा: एक हास्यप्रद और मजेदार कहानी (Comedy and Fun Story)

कहानी शुरू होती है दिल्ली शहर के एक छोटे से मोहल्ले में, जहां रहता था 25 साल का राजू, एक सीधा-सादा लड़का। राजू की जिंदगी बड़ी साधारण थी—सुबह उठो, पापा की किराने की दुकान पर बैठो, और शाम को चाय की टपरी पर दोस्तों के साथ गप्पे मारो।

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Wrong result of wrong company: a comic and fun story

Wrong result of wrong company: a comic and fun story

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गलत संगत का गलत नतीजा: एक हास्यप्रद और मजेदार कहानी (Comedy and Fun Story)- कहानी शुरू होती है दिल्ली शहर के एक छोटे से मोहल्ले में, जहां रहता था 25 साल का राजू, एक सीधा-सादा लड़का। राजू की जिंदगी बड़ी साधारण थी—सुबह उठो, पापा की किराने की दुकान पर बैठो, और शाम को चाय की टपरी पर दोस्तों के साथ गप्पे मारो। लेकिन राजू का एक सपना था, वो दिल्ली में एक बड़ा यूट्यूबर बनना चाहता था। उसने सोचा, "अगर मैं ट्रेंडिंग वीडियो बनाऊंगा, तो लोग मुझे फॉलो करेंगे और मैं फेमस हो जाऊंगा!" लेकिन उसकी इस comedy and fun story में एक ट्विस्ट था—उसने गलत संगत चुन ली।

गलत दोस्तों का चक्कर

राजू के दोस्त थे—मोनू, टिंकू और पप्पू। ये तीनों दिल्ली के "कूल ड्यूड" थे। मोनू को लगता था कि वो दिल्ली का सबसे बड़ा प्रैंकस्टर है, टिंकू को हर चीज में "स्वैग" दिखाना था, और पप्पू, वो तो बस हर बात में हां-हां करता था। राजू ने सोचा, "अगर मैं इनके साथ वीडियो बनाऊंगा, तो मेरी comedy and fun story वायरल हो जाएगी।" लेकिन उसे क्या पता था कि ये दोस्त उसकी जिंदगी को एक कॉमेडी ड्रामा बना देंगे।
एक दिन मोनू ने आइडिया दिया, "यार राजू, चलो एक प्रैंक वीडियो बनाते हैं। दिल्ली के कनॉट प्लेस में जाकर लोगों को डराएंगे। कैमरा ऑन करो, और देखो कैसे लोग चिल्लाते हैं—पक्का वायरल होगा!" राजू को आइडिया पसंद आया। उसने अपनी जेब से 500 रुपये निकाले, एक नकली भूत का मास्क खरीदा, और चारों दोस्त कनॉट प्लेस पहुंच गए।

प्रैंक जो बन गया आफत

शाम के 6 बजे थे, कनॉट प्लेस की मार्केट में भीड़ थी। राजू ने भूत का मास्क पहना, और टिंकू ने कैमरा ऑन कर लिया। मोनू और पप्पू पीछे खड़े होकर हंस रहे थे। राजू ने एक अंकल को टारगेट किया, जो अपनी पत्नी के साथ समोसे खा रहे थे। राजू उनके पीछे गया और अचानक "भूऽऽऽऽ" चिल्लाया। अंकल तो इतना डर गए कि समोसा उनकी पत्नी के चेहरे पर जा गिरा। आंटी गुस्से में चिल्लाई, "ये क्या बदतमीजी है?" और अंकल ने राजू को पकड़ लिया।
अब ये तो comedy and fun story का हिस्सा था, लेकिन बात यहीं नहीं रुकी। अंकल ने राजू को एक जोरदार थप्पड़ मार दिया और चिल्लाए, "तुझे मजाक सूझता है? मैं दिल्ली पुलिस में हूं!" राजू की हालत खराब हो गई। उसने मास्क उतारा और माफी मांगने लगा, "अंकल, मैं तो बस यूट्यूब वीडियो बना रहा था। प्लीज माफ कर दीजिए!" लेकिन अंकल कहां मानने वाले थे। उन्होंने अपने दोस्त पुलिसवालों को बुला लिया।

पुलिस स्टेशन में हंसी का डोज

चारों दोस्तों को पुलिस स्टेशन ले जाया गया। वहां इंस्पेक्टर शर्मा बैठे थे, जो अपने सख्त मिजाज के लिए मशहूर थे। लेकिन इंस्पेक्टर शर्मा को भी हंसी का कीड़ा था। उन्होंने चारों को देखा और पूछा, "क्या माजरा है? ये भूत-वूत बनकर क्या कर रहे थे?" राजू ने डरते-डरते पूरी कहानी सुना दी। इंस्पेक्टर शर्मा पहले तो गुस्सा हुए, लेकिन फिर हंसने लगे। उन्होंने कहा, "अरे, तुम लोग तो दिल्ली के सबसे बड़े कॉमेडियन हो! लेकिन ये comedy and fun story अब कोर्ट तक जाएगी।"
मोनू, टिंकू और पप्पू ने सारा इल्जाम राजू पर डाल दिया। मोनू बोला, "सर, ये सब राजू का आइडिया था। हम तो बस साथ में थे।" राजू गुस्से में बोला, "अरे, तुमने ही तो प्रैंक का आइडिया दिया था!" इंस्पेक्टर शर्मा ने हंसते हुए कहा, "चलो, एक काम करो। मेरे लिए एक प्रैंक वीडियो बनाओ, जिसमें मैं अपने बॉस को डराऊं। अगर वो हंस देता है, तो मैं तुम्हें छोड़ दूंगा।"

इंस्पेक्टर का प्रैंक प्लान

अब चारों दोस्तों को एक मौका मिल गया। उन्होंने इंस्पेक्टर शर्मा के बॉस, डीसीपी साहब, को डराने का प्लान बनाया। प्लान था कि राजू फिर से भूत बनेगा, लेकिन इस बार वो डीसीपी साहब के ऑफिस में अचानक से घुस जाएगा। टिंकू ने कैमरा सेट किया, मोनू ने माहौल बनाया, और पप्पू ने ऑफिस के बाहर पहरा दिया।
शाम को डीसीपी साहब अपने ऑफिस में फाइलें देख रहे थे। राजू ने भूत का मास्क पहना और धीरे से ऑफिस में घुस गया। उसने अचानक "भूऽऽऽऽ" चिल्लाया। डीसीपी साहब चौंक गए, लेकिन डरने की बजाय वो हंसने लगे। उन्होंने कहा, "अरे, ये तो बड़ा मस्त प्रैंक था! शर्मा, तुमने तो कमाल कर दिया!" इंस्पेक्टर शर्मा भी हंसते हुए अंदर आए और बोले, "सर, ये मेरे नए रिक्रूट्स हैं। इन्होंने बनाया है।"

सबक और हंसी का अंत

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डीसीपी साहब इतने खुश हुए कि उन्होंने चारों को छोड़ दिया, लेकिन एक शर्त रखी—अब से कोई प्रैंक दिल्ली की सड़कों पर नहीं होगा। राजू ने अपने दोस्तों से कहा, "यार, तुम्हारी गलत संगत ने मुझे जेल तक पहुंचा दिया। अब से मैं अकेले ही वीडियो बनाऊंगा।" मोनू, टिंकू और पप्पू हंसने लगे और बोले, "अरे, लेकिन ये comedy and fun story तो वायरल हो सकती है!"
आखिर में, राजू ने वो प्रैंक वीडियो यूट्यूब पर डाला, जिसमें इंस्पेक्टर शर्मा और डीसीपी साहब की हंसी रिकॉर्ड थी। वीडियो का टाइटल था—"दिल्ली पुलिस के साथ भूत वाला प्रैंक!" वीडियो सच में वायरल हो गया, और राजू का यूट्यूबर बनने का सपना पूरा हो गया। लेकिन उसने एक सबक सीखा—गलत संगत से हमेशा दूर रहो, वरना जिंदगी की comedy and fun story जेल की सैर करा सकती है।

मोरल ऑफ द स्टोरी:

दोस्त वही चुनो जो तुम्हें सही रास्ता दिखाएं, वरना दिल्ली की सड़कों से लेकर पुलिस स्टेशन तक का सफर तय करना पड़ सकता है
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